बस इतनी सी
फुर्सत दे !!!
बस इतनी सी
फुर्सत दे !!!
अजीजों का हाथ
थामकर,
गुफ्तगू मैं कर
पाऊँ
फिर अम्मी की गोद
में,
पलक झपक कर सो
जाऊँ
बचपन के उन
ख्वाबों में,
फिर आज मैं खो
जाऊँ
साबुन के
गुब्बारों संग खेलूँ,
हथेली पर रख छू
पाऊँ
गुलाब की
पंखुड़ियों को चूमूँ,
तितलियों संग उड़
जाऊँ
बस इतनी सी
फुर्सत दे !!!
बस इतनी सी
फुर्सत दे !!!
bahut khub,apne to bachpan ke din yad dila diye.
ReplyDeleteThanks :-)
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